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महिकावती (माहिम)ची बखर

वज्रनाम     १ चंद्रनाभ      २ सिंहनाम         ३
रुक्मनाम   ४   परिक्षिती     ५ वैदर्भ              ६
दक्ष           ७   केशवादिस   ८ हरीबिंब           ९
बींबसेन     १०   कृपाभान    ११ विक्रमादित्य   १२
महीपाळ    १३   यक्षदंत      १४ श्रीधर           १५
लक्ष्मीधर    १६   वंगुसागर   १७ वेणुनाभ        १८
केशवादित्य १९   शुक्रभान    २० विमळार्जुन    २१
   देवगिरी     २२

हे राजे नांदले पैठणी ।। यांचि परंपरा चाललि तेथोनी ।।
पुढें बोलिळा मुनी ।। तें आईका श्रोते ॥ १९६ ॥
मणिपुर नाम नगर ॥ तेथें प्रतापसिंग नृपवर ॥
नांदत असे कृपासागर । प्रतापपुरी ।। १९७ ॥
महाक्षेत्रि दारुण ।। धनुर्धरविद्यासंपूर्ण ॥
नांदतां तेथें जाण ॥ कथा वर्तली ते अवधारा ॥ १९८।।
तया प्रतापसिंगासि कंन्या नागरी ।। गुणवति अवघारी ।।
जाली असे उपवरी ।। राजकंन्या ।। १९९ ॥
तिचें स्वयंवर मांडिलें ।। भाट देशोदेशि पाठविले ॥
पत्रें नृपवरासि लीहिलीं ॥ देशोदेशीं ॥ २०० ॥
पूर्व-दिसेचे नृपवर ।। सूर्यवंशि राजे पवित्र ॥
स्वयंवरा कारणे हंकारले समग्र ।। महाक्षेत्री ।। २०१ ॥
मंडप घातला हेममंडित ॥ सेना मिळालि अगणित ।।
पाहोनियां सुमुर्त ।। हस्तिणी श्रृंगारिली ॥ २०२ ॥