Deprecated: Required parameter $article follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $helper follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $method follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
राधामाधवविलासचंपू (शहाजी महाराज चरित्र)
भारी भारी सुसूरनिको भयो चकचूर ।
तहं तेरे मुखनूर चढयो होत खनाखन कीर ॥४५॥
वैरिनके घर हरबर परी जब महाबलीमकरंद बाजा तेरे बाजे है ।
नाहर कहावतें सो सयार हिं भये सब जाहिराने देखियत साजननि साजे हैं ॥
अजुध्याके जुद्ध डारो कपिलाके कापि हारो औरु विद्यानैरछत्रिजातको न लाजे हैं ।
हातिनके पाय तार रोदी डारे छोटे छाटे छाटे मोटे मोटे गोट देखी कोट तजि
भाजे है ॥४६॥
(२३)
अपने अपने देस गुनी करत साहेकी बात ।
दाना ग्यान गुन जान यह सब नृपसों अधिकात ॥
सो जथा ।
सुनियतु है करन बलि भोज वो करन साहे समसाताको मनता कोहि करतु है ।
सील ओ सुकृत वंस उनमे न एको अंस सिसोदिया अवतंस साहजु धरतु है ॥
जयराम पुज्यो हरताते यह पायो वर ज्याको नत उच कर दारिदु हरतु है।
आटो ज्याक जाम बांध्ये ठाट नटनटी करे नाट ज्याके भटभाटनको
हाट सो भरतु है ॥४७॥
नव खंडमंडलमे फिरे कबि पंडित हो अपुरब देख्यो तुम कौन तेर काह जी ।
गुनि कहें सुनिये जी कंचन मोचु निजमपुन्यवंत दुनीमांझ करें जाकि चाह जी॥
पूरबमो परिमल उत्तरमो रागरंग जाहज यछाह देखी सिंधु बीज राह जी।
गोळकुंडा पटन वो देव सोहे सिरिरंग दख्खनमो वाजा ओर राजा देखे
शाहजी ॥४८॥