Deprecated: Required parameter $article follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57

Deprecated: Required parameter $helper follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57

Deprecated: Required parameter $method follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57

दानी देव राजा भये जा जा जा देव ऐसे साहे महाराजा तो सौ औरनको भयो है ।
पूज्यो हिल्ह संभु मनो आवरन अंभ ही सो कीरतिके तंबु एसो जंबुदीप छयो है ॥
कौ लोंक हें जयराम ज्याको ऐसो जसुधाम जहातहां ज्याके नाम ढयो है।
करनातहानौल कहा करनोलकोजु करनाटुक धुनुक जिनकर
नाद्धिकलयो है ॥४९॥

कहा लगि कहो बात गुन मन भयो गात दे बे ही को दित सो देख्यो

जाको हातु है ।
ये एसो महाराजा साहे साहेनको बात साहे ताते जयरामकबि जीसन
आघात है ॥
खलक अच भोरे कविमो तिलक एसो तिलकको जामा पेधि हाथि
चढे जात है ।
आदलसाहे महन्मद कहि भाई अपनो साहे दिल्गिन्क्यौ हे तव कहो
शामजि सावतराय ॥५०॥

रेखता
अकल चुराई मेरी कमकल पिठारेने महाबली महाराजा दिलगीर करे है।
जिल्हे सब दुनीये के गनीम सब काटि काढे जाके सात सत्तर हजार स्वार खरे है॥
दौड ज्या शाम निमा शामलेग पुहच वहा साफ दिल कहता हुं मुसाफसिर धरें हैं॥
अफलजकु ट पा जितें दिइ थि मुजे बाजि साहिजिके जोर मुझे साहिजहा डरे हैं ॥५१॥ 

हद नाही मुगलोकी सरहद्द धरे पावगावकी भिनी बनके आखो भिन साकी हैं ।
और सब जमीदार मार कर रघार किये सहतके लियें जै उडत बन माखी है ॥
हिक्मते सब जाने दुश्मनकों जेर रआने मुझको मी बहुत माने दिल इसका पाखी है ।
ऐसी आमखास बीच बातें करे बादसाहे मेरी सब बादशाही शाहजीने राखि है ॥५२॥