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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड बावीसावा (१७९२-९३)

पत्र तिमाराव हरी याजला                                                           लेखांक १२८.                                                      १७१४ फाल्गुन शुद्ध ५.
थमी काळा खरीदीस पाठविली
त्याजबराबर दिल्हे छ ३ रजब.

राजश्रिया विराजित राजमान्य राजश्री तिमाराव स्वामीचे सेवेसी-
पो गोविंदराव कृष्ण सां नमस्कार विनंति उपरि एथील कुशल जाणून स्वकीयें कुशल लिहित असावे विशेष यमा काळा गल्ला तूप तेल वगैरे खरीदीकरितां पाठविला आहे तर आपले जिम्यात जिन्नस खरीदी करून ठेवील त्यास जागा चांगली देऊन मारनिलेस सध्या तुपाची जोडी एक व कांहीं एका उंटावर गला भरून मारनिलेस हैदराबादेस वाटे लावावे जिनस खरीदी करील त्यास रुपये २०० दोनसे द्यावे आणि इकडे ल्याहावे काही ज्यास्त मागीतल्यास शे पनास द्यावे गल्ला वगैरे सरकारी दराने खरीदी करवावा रा छ ३ रजब सलास तिसईन सन फसली १२०२ बहुत काय लिो लोभ कीजे हे विनंति.