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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड पहिला (१७५०-१७६१)
[ १३० ] ।। १ ।। १७ जून १७५९.
टीप लिखि दइ. श्रीमुख्यप्रधान श्रीबालाजीबाजीरावजूकौ एते श्रीमहाराजाधिराजश्रीमहाराजाश्रीराजा हिंदुपतिजू देवनै. अपर. श्रीराजा अमानसिंघजुसौ व हमसौ आपुसमे कलिया मयौ. अरु श्रीदिवानखेतसिंघजू हमतै बाहिरे परे हते. तिहि पाइ श्रीसमशेरबहादूरजु आये. हमसो रदबदल करीताकौ आपुसके कजिया भये केवा श्रीदिवानखेतसिंघजुसौ हमसौ सलूक कराइ दयौ. ताके वा राज्यके तिलकके नजरानेके दैनै मानै रुपैया लाख ५०० ००१) अंकेय लाख पाच येक उपरकी किस्तै करि दइ.
संवत् १८१६ की सालमे
१६७०००
संवत् १८१७ की सालमे दैइ
१६७०००
संवत् १८१८ की सालमे दइ
१६६००१
सुये रुपैया तीन वरसकै किस्तनवरहुकम आलमगिरी मरि दैइ. असाढवदि ५ सौमे संवत् १८१५.
मुः जैतपूर.