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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड सहावा (१८ वे शतक)

[ ६०८ ]

श्रीशंकर. ज्येष्ठ शु॥ ४ शके १६६३

० श्री ॅ
मंगलमूर्ति-
चरणीं तत्पर
नारो शंकर
निरंतर.

राजश्री राव तेजकर्णजी व कुवर न्याहालकर्ण मंडलोई परगणे इंदूर गोसावी यासि--

 अखंडितलक्ष्मीअलंकृत राजमान्य स्नो नारो शंकर व मल्हार गोपाल दि॥ राजश्री मल्हारराउ होळकर व राजश्री राणोजी सिंदे सु॥ इसन्ने सलासीन मया अलफ सन ११३९ बा। हावाला मनोती परगणे बेटमे पैकीं पोहचले रुपये ५२५ मोकरा सवापांचसे रास मनोती बा। पा। बटेमपैकी मजुरा असेत. जाणिजे. रवाना छ २ जिल्हेज. जाणिजे. मोर्तबसुद

मोर्तबसुद
स०० १६७४