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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड वीसावा (शिवकालीन घराणी)

लेखांक १८५                                                                                                                                  १४९२ ज्येष्ठ शुध्द १                                    

2 1 स्वस्ति श्रीशके १४९२ वरीशे प्रवर्तमाने प्रमोद नाम संवछरे जेष्ट सुध प्रतीपदा सुक्रवार तदीनी माहाजर ऐसाजे बिहूजूर समस्त ब्राह्मसभा तथा राजमुद्राधीक्ष करून समस्त माहाजन का। अस्टे पाटोळ्याचे

माहादो राम पेशवा राजश्री निस-
कराऊ
रामाजी माईदेव ठाणदार का।
अस्टे पाटोळेचे
वालो विस्वनाथ
सोनजी पटेल पाटोळे
कोमरसेटी सेटिया
रुद्रोबा माहाजन
तान्होबा कुलकर्णी
केकदेभट बिन दामवणभट जोतीसी
नरसीभट धर्माधिकरणी सिराले
बळवंतराऊ
कचो भासकर मजमूदार सेकीन मौजे
कबज सीवनगी मामले विज्यापूर
सूरसेटी चौगला
तमीसेटी पफुणा
विठोबा धडी
जाखो सुरदेव मु॥ अस्टे
समस्त जन व ब्रह्मसभा व बाजे
लोक माहाजन
वालवेकर जोतिसी
विस्वनाथभट

केला माहाजर जे पोसीभट लाटीकर व वीरपाक्षभट वेदाती हे उभयवर्ग कोल्हापुरीचे ग्राम उपादीक समधे झगडत दिवाणात आले तेथे पोसीभट लाटीकरे दिवाणात कतबा लिहून दिल्हे जे माध्यजन शाखेचे ग्रामउपाध्या रुद्र पाटकाच वडील वडील अनादसीध नेताती आपणासी वा माध्यजन शाखेचे उपाधिकीस समध नाही तरी आता रुद्र पाटकास व पोसीभट लाटीकरास अर्थअर्थ समंध नाही ऐसा निणयो जहाला त्यावरून समस्त जनाचे मनास आले जे चतुशाखेचे उपादिये वेगले माहाजर मोर्तब

तिमणभट गोटखिंडीकर
नरसींह पाटक उपाध्या अस्टे
गोदोबा भालुवी
चंदोबा कुलकर्णी मौजे मनेराजुरी
नारोपंडीत बिन देवणा पंडित
होनाबा तगार्‍या
मुदगलभट मलीभट
विस्वनाथभट दामवणभट         
गोविंद पाठक
पंढरपूरकर