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संस्कृत भाषेचा उलगडा

आत्मने

लङ् ह्न अत् + अ = अत, भवत (परोक्ष)
लेट् ह्न अ (आज्ञार्थक) + अत = आत, भवात (परोक्ष)
लट् ह्न अत् + अ (आत्मत्वदर्शक) + इ (प्रात्यक्षदर्शक), भवते (वर्तमान)
लेट् ह्न अ (आज्ञार्थक) + अते = आते, भवाते (तो होवो)
लट् ह्न अ (हा) + इ (प्रत्यक्ष) = ए, भवे (वर्तमान)
लट् ह्न अ (आज्ञार्थक) + अत (हा तो हा) + ए ( हा प्रत्यक्ष) = आतै = भवातै
(वर्तमान) हा होवो.
लङ् ह्न इ + त् = इत् ( हा, तो) स्वपित्, अनित् (परोक्ष)
लेट् ह्न अ + त् = अत् (आज्ञार्थक अ, तो) स्वपत् (परोक्ष)
लट् ह्न इ + ति = इति (हा, तो प्रत्यक्ष) स्वपिति (वर्तमान)
लेट् ह्न अ + ति = अति (आज्ञार्थक अ, तो प्रत्यक्ष) स्वपति (वर्तमान)
लोट् ह्न इ + तु = इतु (हा, तो, आज्ञार्थक उ) स्वपितु
लोट् ह्न इ + तात् = इतात् (हा तो आज्ञार्थक अ, हा तो) स्वपितात्
लिङ् ह्न ई + अ + अत् = यात् (इच्छार्थक इ, हा, हा तो) अन्यात् स्वप्यात् ह्न स्वप् + इ+ई + अ +अत्

लङ् ह्न इ+इ+त् = ईत् (हा हा तो) ब्रवीत्, अदुहीत् (परोक्ष)
वधीत्, अक्रमीत, आसीत्, अग्रभीत्
लेट् ह्न अ + त् = अत् (आज्ञार्थक अ, तो) ब्रवत् (परोक्ष)
लट् ह्न इ + इ+ ति = ईति ( हा हा तो प्रत्यक्ष) ब्रवीति (वर्तमान)
लेट् ह्न अ+ ति = अति (आज्ञार्थक अ, तो प्रत्यक्ष) ब्रवति (वर्तमान)
लोट् ह्न इ + इ+ तु = ईतु ( हा हा तो आज्ञार्थक उ) ब्रवीतु
लोट् ह्न इ + इ+ तात् = ईतात् ( हा तो, आज्ञार्थक अ, हा तो ) ब्रवीतात्
लिङ् ह्न इ + इ+ यात् = ई + आत् = दुहीयात् , ब्रवीयात्

लङ् ह्न अ + उ+त् = ओत् ( हा, तो, तो) अतनोत् (परोक्ष)
लेट् ह्न अ+ उ + अ+ त् = अवत् ( हा, तो, आज्ञार्थक अ, तो) तनवत् (परोक्ष).
लट् ह्न अ+उ+ति= ओति (हा, तो, तो, प्रत्यक्ष) तनोति (वर्तमान)
लेट् ह्न अ+उ+अ+ति = अवति (हा, तो, आज्ञार्थक अ, तो, प्रत्यक्ष) तनवति.
लोट् ह्न अ+ उ+ तु = ओतु ( हा, तो, तो, आज्ञार्थक उ) तनोतु
लोट् ह्न उत् + अ+अत् = उतात् (तो आज्ञार्थक अ, तो) तनुतात्
लिङ् ह्न उ + ई + अ+ अत् = उयात् (तो हा, आज्ञार्थक अ, तो) तनुयात्.
लङ् ह्न उ + त= उत (हा तो स्वत:) तनुत (परोक्ष)