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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड सहावा (१८ वे शतक)

[ ९४ ]

श्री. शके १६५६ ज्येष्ठ शु॥ १२.

राजश्री मानाजी केसरकर आ। सरदेशमुख गोसावी यांसिः--

 अखंडितलक्ष्मीअलंकृत राजमान्य

स्नो। हरी मोरेश्वर राजाज्ञा आशिर्वाद. सुहुरसन खमस सलासिन मया अलफ. तुह्मांकडे सरकाराचा ऐवज येणें त्यापैकीं वजा बिता। रुपयेः-
२०००   पा। इंदापूर मामला परभारा.
  ७००  प्रा। पनाळा नुकसान बाबत.
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२७००

यास हप्तेबंदीपैकीं.

हप्ता चैत्रमासपैकी ११००                   वैशाखमास पैकीं ११००
११००                                              ११००
अखेरसालपैकी ५००;                       एकूण २७०० सतावीसशें रुपये.
सदरहुप्रों। वजा पडोन बाकी ऐवज वसूल घेतला असे. तेणेंप्रमाणें मजुरा असत. छ० ११ मोहरम. + बहुत काय लिहिणें ?

लेखन
सीमा.

० 
श्रीभवानीशंकर
प्रसन्न. श्री
राजाशाहुचर-
णि तप्तर हरि
मोरेश्वर
निरंतर.                        बार