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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड बावीसावा (१७९२-९३)

सुभराव निा हरकारे याचे                                                             लेखांक २०९.                                                      १७१५ अधिक वैशाख वद्य १२.
पत्राचें उत्तर.

राजश्रिया विराजित राजमान्य राजश्री सुभराव स्वामीचे सेवेसी-
पो गोविंदराव कृष्ण सां नमस्कार विनंति उपरि एथील कुशल जाणून स्वकीयें लिा जावें विशेष तुह्मी पत्र पा तें पावलें राजे जोधसिंग यांजकडे ऐवज येणे येविषी मारनिलेस तुह्मी लिहिल्यावरून त्यांनी आमचे पत्रांत लिा आहे कीं हंगामसीर ऐवज पाठऊ त्यास हंगाम तर ऐवज पाठवावयाचा हाच आहे यास्तव त्यांचे पत्राचा जाब पा व तुह्मीहि लेहून ऐवज येऊन पोंहचे ऐसें जरूर करावें रा छ २५ रमजान बहुत काय लिा लोभ कीजे हे विनंति.