Deprecated: Required parameter $article follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $helper follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $method follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड वीसावा (शिवकालीन घराणी)
लेखांक १५४ १५९८ मार्गशीर्ष वद्य १
राजश्री अमाजी कान्हो हवालदार व कारकून सा। हवेली गोसावीयासि
अखंडितलक्षुमीअलंकृतराजमान्या
सेवक एसाजी मल्हारी सुभेदार व कारकून पा। वाई नमस्कार सु॥ सबा सबैन अलफ बा। पत्र राजश्री सरसुभेदार माहालानिहाय तेथे आज्ञा की वेदमूर्ति नरसीभट बिन रगभट व एकनाथभट बिन रामेस्वरभट जुनारदार सो। का। मा। हुजूर येउनु मालूम केले आपणास इनाम जमीन चावर ॥ दर सवाद मौजे पसर्णी सा। हवेली पा। मा। सालाबाद चालिले आहे तरी साहेबी दुमाले केले पाहिजे ह्मणउनु तरी त्याचा इनाम सदरहू गावी आहे त्यास सालगु॥ प्रमाणे बा। भोगवटा मनास आणौन दुमाले करणे तालीक लेहून घेउनु असल परतून दीजे ह्मणउनु आज्ञाप्रमाणे दुमाले केले असे दुमाला कीजे छ १४ सौवाल तालीक लेहून घेउनु असल परतून दीजे