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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड वीसावा (शिवकालीन घराणी)
लेखांक १५२ १५९८ मार्गशीर्ष शुध्द १५
राजश्री एसाजी मल्हार सुभेदार पा। वाई गो।
मशहुरुल अखंडितलक्षुमीअलंकृत राजमान्य सेवक राघो बलाळ सरसुभेदार नामजाद सुभेहाय सु॥ सबा सबैन अलफ आपदेभट बिन विस्णुभट चित्राउ सो। का। वाई यानी हुजूर येऊन सागीतले की आपले इनाम दर सवाद दु॥ मौजे पा। मा। जमीन चावर १ अवल
मौजे खेड सा। मौजे तडवले सा। कोरेगाउ
कोरेगाउ चावर .॥. चावर .॥.
येणेप्रमाणे सालाबाद चालत आले आहे बा। रु॥ गुदस्ता ऐसीयास साल मजकुरी कारकून ताजा सनदेचे उजूर करितात ह्मणौन सांगीतले तरी भट मजकुराचे इनाम चावर एक सालाबाद प्रमाणे दुमाला केले असे दुमाला कर्णे
तालीक लेहून घेऊन असल इनामदार मजकूरास फिराऊन दीजे मो।हे विनंती
तेरीख १३ माहे सौवाल
शौवाल