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संस्कृत भाषेचा उलगडा
४४ आत्मनायक उत्तमपुरुषसर्वनामांची साधनिका
लट्, लुट् लृट् आत्मने
परस्मायक रूपांना नैकट्यदर्शक ऊर्फ आत्मदर्शक ए प्रत्यय लावला म्हणजे आत्मनायक रूपे सिद्ध होतात.
पच् धातु : पचे, पचावहे, पचामहे
द्विष् धातु : द्विषे, द्विष्वहे, द्विष्महे
लुङ्, लङ्, लृङ आत्मने
परस्मायक रूपांना नैकट्यदर्शक ऊर्फ आत्मार्थक इ प्रत्यय लावला म्हणजे आत्मनायक रूपे बनतात.
अपच् धातु : अपचे, अपचावहि, अपचामहि
अद्विष धातु : अद्विषि, अद्विषावहि, अद्विषामहि