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[२८]                                                                            ।। श्री ।।                                                        २८ अक्टोबर १७५३

 

राजश्रिया विराजित राजमान्य राजश्री
गोपाळराव गणेश स्वामी गोसावी यांसिः-

 

पोण्य रघुनाथ बाजीराव नमस्कार विनंति उपरि येथील कुशल जाणून स्वकीय लिहीत जाणें. विशेष. सरकारांत पुस्तकाचें प्रयोजन आहे. त्यास, पुस्तकें बितपशिलः-

 

शिरोमणी८६ सांख्यसूत्र व भाष्यप्रस्थान
लीलावतीशिरोमणी  १  सूत्रें
बौध्याधिकारशिरोमणी  १  भाष्य
प्रत्यक्षशिरोमणी  २
गुणशिरोमणी  स्मृतीः-
पदार्थखंडणशिरोमणी  मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य, पाराशर वगैरे स्मृति १८
   वेदभाष्य चहूंवेदींचे त्यांत जे मिळेल तितकें येकूण कलम १

 

येणेंप्रमाणें पुस्तकें मेळवून उत्तम अक्षर आणि वित्पन्न ब्राह्मणाचे हातें प्रती करून सदर्हू पुस्तकें लेहून पाठविणें. जाणिजे. छ३ जिल्हेज. बहुत काय लिहिणें हे विनंति.

पै॥ छ १ मोहरम, कार्तिक श्रु॥२ भानुवासर, द्वितीय प्रहर.
मु॥ नजीक अवऱ्या प्रांत अंतर्वेद.