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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड सहावा (१८ वे शतक)

[ २४ ]

श्री. शके १६४८ भाद्रपद शु. ५.

तहमखता. सुभा जुन्नर व पुणें वगैरे महाल, कमावीस, राजश्री धोंडो मल्हार, सु॥ सबा असरीन मया अलफ.
रु॥ २५,०००.
यासी नेमणुकः-

स्वस्तिश्री सुखदा  *
मुद्राप्रतापोत्कर्ष
वर्धिनी ॥ सरदेशमुख-
स्यैषा शाहुराजस्य, राजते

१९,०००       हुजूर पोताकडे.
१७,२५०      हुजूर देणें आश्विनमासापासून.
१,७६०        मोबदला पोतांतून दिल्हे होते
                 ते जमा. छ
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१९,०००
२५००        अंबाजीपंत मजमुदार.
३००           तशरीफ धोंडा मल्हार,
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२१,८००
२५०            का। अबाजीपंत मजमुदार देणें.
४५०            वराता.
२००            अंताजी विठ्ठल.
१००             रुद्राजीकृष्ण.
५०              दफ्तरदार.
१००             नाईकजी साळोखे.
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४५०
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२२,५००

बाकी अडीचहजार २,५००.

इ॥ भाद्रपद ता। ज्येष्ठ महिने दाहा दरमहा २५० अड़िचशें दरमा प्रा। द्यावे. छ. ४ मोहरम. हे विनंति.

* लेखना
वधि