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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड सहावा (१८ वे शतक)

[ २३ ]

श्रीराम. शके १६४८ श्रावण वद्य ७.

राजश्री धोंडो मल्हार सुभेदार सरदेशमुखी सुभा जुन्नर, पुणें वगैरे गोसावी यांसि :--

अखंडितलक्ष्मीअलंकृत राजमान्य

स्नो। जोत्याजी केसरकर आ। सरदेशमुख दंडवत. सु॥ सबा असरिन मया अलफ. ब॥ देणें रुपये.
१९,००० हुजूर पोताकडे.
२,५०० रा। आंबाजीपंत मजमदार,
३०० तशरीफ धोंडो मल्हार.
४५० वेतनांत,
                 २०० अंताजी विठल.
                 १०० नाईकजी साळोखे.
                 १०० रुद्राजी प्रभू हुजूर.
                   ५० दप्तरदार.
                 -----
                  ४५०
--------
२२,२५०

थो। रुपये बेवीस हजार अडीचशें घेतले असेत. आदा करणें. हुजूर पोताकडील हावाली रुपये पावलियाचे कबज घेणें. छ. २० जिल्हेज.

स्वस्तिश्री सुखदामुद्रा प्रतापो-                  लेखन
त्कर्षवर्धिनी सरदेशमुखस्यैषा                   सीमा
शाहुराजस्य राजते.