[ ३६१ ]
श्री शके १६७८ आषाढ वद्य १.
झडती, स्वारी राजश्री गिरमाजी मकुंद, सु॥ सबा खमसैन मया व अलफ. इ॥ छ. ४ माहे रमजान ता। छ. १३ माहे शवाल. ---------------------------------------------- मो। जमा रुपये १५० प्रा। सिरधणा गु॥ भगवंतराव अनंत.
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श्री शके १६७८ आषाढ वद्य १.
झडती, स्वारी राजश्री गिरमाजी मकुंद, सु॥ सबा खमसैन मया व अलफ. इ॥ छ. ४ माहे रमजान ता। छ. १३ माहे शवाल. ---------------------------------------------- मो। जमा रुपये १५० प्रा। सिरधणा गु॥ भगवंतराव अनंत.
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