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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड एकवीसावा (शिवकालीन घराणी)

लेखाक २०७
१७८१ आषाढवा। ७

श्रीशंकर
सिका नकल

श्रीमत्परमहसपरिव्राजकाचार्यवर्यश्रीमच्छकराच्यार्यान्वयस-
जाताभिनवश्रीविद्याशकरभारतीस्वामिकरकजोद्भवश्रीविद्या-

नरसिहभारतीस्वामिकृतनारायणस्मरणानि

वेदशास्त्रसपन्न राजमान्य राजश्री समस्त ब्रह्मवृद व ज्योतिषी व राजकीय ग्रहस्त व देशमुख देशपाडे व पाटील कुलकर्णी वा। को। सिराल व को। माहलचे गावगन्ना परमशिष्योत्तम यासी विशेषस्तु शके १७८१ सिद्धार्थीनामसवत्सरे क्षेत्रकरहाटकस्थ समस्त ब्रह्मवृद यानी समक्ष मठसकेश्वर मुकामी विनति केली की तुमची वहिवाट पूर्वापार क्षेत्राकड असोन हाली दिकत करितात ह्मणोन त्याज वरून हे आज्ञापत्र सादर जाहले असे तरी तुह्मी पूर्वापार क्षेत्रा कडे ज्ञातीधर्मप्रकर्णी वागत आल्या अन्वये वागावे विशेष लिहिणे ते काय आषाढ वा। ७ निशान मोर्तब
असल बरहुकुम नकल                रामचद्र बापूजी कारकून नि।। श्री
                                              शेरा
अजमितीचे पत्रा बरोबर क्षेत्रकरहाटक येथील समस्त ब्रह्मवृदा कडे रवाना मिति आषाढ वा। ७ शके १७८१ सिद्धार्थीनामसवत्सरे
बार अक २४            गोविद हणमत कारभारी नि।। श्री
सन १२६९ फसली     सस्थान करवीइ