लेखांक २७१ श्री १६०३ आश्विन शुध्द १३
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श्रीसकलगुणमंडित अखंडित लक्षुमी प्रसन्न राजमान्य राजश्री गणोराम देशाधिकारी व देशलेखक प्रांत कुडाल वर्तमान व भावी गोसावी यासि पोष्य मोरेस्वर पंडितराय नमस्कार सु॥ इसन्ने समानीन अलफ राजाभिषेक शके ८ दुमर्ती नाम संवछरे आस्वीन सूध त्रयोदसी मंदवार वेदमूर्ति अनंतभट मादेभट वस्ती मौजे कांदळगाउ ता। मसुरे ब्राह्मण योग्य वैदिक निराश्रित ऐसे देखोन दरमाहे देविले तांदूल कैली कोठी मापे .lll.l.५। जावेरी भट गोसावी ++१ करतील तोवेरी प्रतीवर्षी परामर्श घेउनु मण आदा करणे प्रतिवर्शी नूतनपत्राचा आक्षेप न करणे प्रती लिहून घेउनु मुख्यपत्र भट गोसावी याजवली देणे रा। छ ११ माहे साबान मोर्तबसुद हे विज्ञाप्ति
बार सूद बार