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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड सहावा (१८ वे शतक)
[ ५९० ]
श्रीरामजी
शक १६४५ वैशाख शु॥ १५
सीधश्री महाराजाधिराज महाराजा श्री सवाई जैसींघजी देववचनात नारायणदास दिसेसु प्रसाद बंचा. अपरंच हरजीमल सरकार सै बंदगीराषै छ सोयाने खीदमत फौजदारी वे अमीनी प्रगणे कंपेल सुबा उजनकी जो महमद अमीषा मुवा पाछषाहजी सैमुहूंछे सो बातसाहजीसै अरज पोहोचाई सब उन्हालु सबत १७७७ थी देवाईछे सो इहवास्ते थाने फरमावाछे जो याकाताळकामे जमीदारको हमाळे वाजबी देखा मोसुख न फेरे अरजमीयातके वास्ते थाने लीखेत व जमीयत भेजी जो जोय हसाब खतसीर खजाना पातिसाहीमै पहोंचै अर खोजे अबदालाखा दीवान सुबाका नायब हरजी मळकर्ण पोहोचता पहली जो हांसी सब उन्हाळुको तहसील करी लीयो होयसो मवाफीक हकम हजुरी कै फैसल देनापैगनें अरज लीखजो. मिती बैसाख सुदी १५ संवत् १७७९.