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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड तिसरा ( १७०० -१७६०)

[४८६]                                                                        श्री.                                                                      २६ जानेवारी १७५७.

पौ. छ १ रजब सबाखमसैन.
चैत्र शुध्द ३ शके १६७९.

अखंडित लक्ष्मी अलंकृत राजमान्य राजश्री रामाजी केशव कमाविसदार परगणे जैनाबाद गोसावी यांसी.
सेवक बाळाजी बाजीराव प्रधान नमस्कार सु सबा खमसैन मया व अलफ. त्या प्रांती बंदोबस्तात रा कृष्णाजी विश्वनाथ पा आहेत ते बंदोबस्त करून देतील. तुह्मास शिबंदीचे नेमणुकेंत राऊत नेमून दिले आहेत. ते दूर केले असेत. न ठेवणें. राऊतांचा ऐवज मजुरा पडणार नाही व परगणे मजकुरी मजमदार फडणीस वगैरे कारकून देखील तुमचा मुशारा अखेर सालपावेतों ओढणें. हिशेब आलियावर आज्ञा करणें ते केली जाईल. जाणिजे. छ ५ जमादिलावल. आज्ञा प्रमाण. मुशाहिरा न देणें.