Deprecated: Required parameter $article follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $helper follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $method follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड पंधरावा (शिवकालीन घराणी)
लेखांक ७०
१५५७ श्रावण शुध्द ५
(फारसी मजकूर)
अज दिवाण पा। वाई ता मोकदमानि मौजे गोवे सा। नीब पा। मा। सु॥सन सीत सलासैन अलफ बा। खु॥ रा। छ माहे मोहरम सादर जाहाले तेथे रजा जे दरीविले गोविंदगिरी मुरीद कमलनैयान हुजूर येउनु मालूम केले जे आपुले इनामत मळे मोजे गोवे सा। नीबसी सालाबद धरण कलवायत असे तरी हाली ताजा खुर्दखताचे उजूर करून इस्कील करीत असे साहेबी नजर इनायत फर्माउनु सालाबाद अपुले कलवा कैसे चालत होते त्याणेप्रमाणे दुबाला करून चालवेया रजा होय ह्मणौउनु जाहाले मेबायद के गोविंदगीर मुरीद कमलनयान त्याचे वेलेसी सालाबाद ता। सालगु॥ कैसे कलवा पाणी चालत असे त्याणेप्रमाणे दुबाले करून चालवीजे दर हर साल खुर्दखताचे उजूर न कीजे तालीक लेहून घेउनु असे(ली) परतून दीजे पा। हुजरू अतीताचे फिरियाद येऊन ने दीजे ह्मणउनु रजा रजेबरहुकूम खु॥ रा। प्रमाणे इनाम दुबाले केला असे दुमाला कीजे तालीक लेहून घेउनु असल परतून दीजे कालवा जैसे सालाबाद चालिले आहे तेणेप्रमाणे चालवणे ता। सालगु॥ जैसे चालिले असेल तेणेप्रमाणे दुबाला कीजे मोर्तब
तेरीख ३ माहे सफर