Deprecated: Required parameter $article follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $helper follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
Deprecated: Required parameter $method follows optional parameter $type in /home/samagrarajwade/public_html/libraries/regularlabs/src/Article.php on line 57
मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड पंधरावा (शिवकालीन घराणी)
लेखांक १०२
१५८४ माघ वद्य ९
(शिक्का) | शके १५८४ | |
(शिक्का) आज दिवाण किले चदन ता। मोकदमानि वा रायानी | ||
कसबे कुडाल मौजे मरडी मौजे दरे बु॥ मौजे साते मौजे सातारे |
मौजे आरडे मौजे सोनगाउ मौजे करदी मौजे सागवी मौजे रायगाउ |
मौजे महीगाउ मौजे करणोसी मोजे सोपन मौजे ह्मैसव मौजे सेरगाउ |
सु॥ सलास सितैन व अलफ दरीविला जोगीद्र गोसावी मौजे नीब मालूम केले जे आपले विलातीवरी भात कुडो असे ते मागितलेया देत नाहीत हे काय माना असे आता रसीदन मिसेली देखता चि जोगीद्र गोसावियास गला वा बाजे हक सालाबादप्रमाणे आदा कीजे मो। छ २२ जमादिलाखर (शिक्का)