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मराठ्यांच्या इतिहासाची साधने खंड तेरावा (थोरले माधवराव)
पत्रांक ३७.
इ. स. १७६७ ता. ६ जुलई. श्री. १६८९ आषाढ शुद्ध १०
राजश्री---------------------------------------------------------
अखंडित लक्ष्मी अलंकृत राजमान्य स्ने।। केदारजी सिंदे दंडवत सु॥ समान सितैन मया व अलफ प॥ शिंदखेड येथील अम्मल तुम्हां-कडून दूर करून सालमजकूरा-पासून राजश्री--------------------- याजकडे सांगितली असे तरी तुम्हीं दिलगिरी (दखलगिरी ?) न करणें. मारनिले अम्मल करतील. प।। मजकूरची ठाणीं असतील तीं यांचे स्वाधीन करून कबज घेणें. जाणिजे छ ९ सफर बहुत काय लिहिणें हे १विनंति.
बार